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Not Known Details About Shiv chaisa

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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥ देवो के हित https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
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